
तेलंगाना के सीएम का विवादित बयान: ‘कांग्रेस है तो मुसलमान हैं, वरना कुछ नहीं!’ — सियासी भूचालहैदराबाद, 5 नवंबर 2025 — तेलंगाना की राजनीति में बुधवार को बड़ा धमाका तब हुआ जब मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने मुसलमानों पर ऐसा बयान दे दिया जिसने पूरे राज्य का सियासी तापमान बढ़ा दिया।जुबली हिल्स में एक जनसभा को संबोधित करते हुए रेवंत रेड्डी ने कहा —«“अगर कांग्रेस है, तो मुसलमान हैं… कांग्रेस नहीं तो आप कुछ नहीं!”»इस एक लाइन ने विपक्ष को बैठे-बैठाए मुद्दा दे दिया और सोशल मीडिया पर यह बयान आग की तरह फैल गया।
—🔥 विपक्ष ने किया जबरदस्त हमलाबीआरएस नेता के. टी. रामाराव ने सबसे पहले मोर्चा संभालते हुए कहा —«“यह बयान न सिर्फ शर्मनाक है बल्कि संविधान के खिलाफ है। क्या किसी समुदाय का अस्तित्व किसी पार्टी की मेहरबानी पर टिका है?”»भाजपा ने भी रेवंत रेड्डी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह “ओछी वोट बैंक राजनीति” है।तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी ने कहा —«“कांग्रेस ने हमेशा धर्म के नाम पर समाज को बांटने की कोशिश की है। यह बयान उसी मानसिकता की झलक है।
”»—⚡ सोशल मीडिया पर ‘#WhoIsRevanth’ ट्रेंडरेवंत रेड्डी के बयान के बाद ट्विटर (अब एक्स) पर ‘#WhoIsRevanth’ और ‘#MuslimsAreIndia’ ट्रेंड करने लगे।कई मुस्लिम युवाओं ने लिखा —«“हम भारत के नागरिक हैं, किसी पार्टी के नहीं!”वहीं कांग्रेस समर्थक यूजर्स ने इसे रेवंत के “गलत संदर्भ में पेश किए गए शब्द” बताकर बचाव किया।
»—🕌 मुस्लिम संगठनों का गुस्साहैदराबाद की कई मुस्लिम संस्थाओं ने मुख्यमंत्री के बयान को “अहंकार और अपमान” बताया।स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन (SIO) ने कहा —«“किसी भी समुदाय की इज़्ज़त किसी राजनीतिक दल की देन नहीं, बल्कि संविधान की देन है।”उन्होंने मुख्यमंत्री से सार्वजनिक माफी की मांग की और कहा कि अगर माफी नहीं मांगी गई तो राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
»—🗳️ चुनावी पृष्ठभूमि में बयान का बड़ा असरतेलंगाना के जुबली हिल्स क्षेत्र में आगामी उपचुनाव में मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाने वाले हैं।राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि रेवंत रेड्डी का यह बयान “भावनात्मक ध्रुवीकरण” की रणनीति भी हो सकता है।हालांकि यह उलटा भी पड़ सकता है, क्योंकि विपक्ष अब इसे जनता के बीच “अहमियत की राजनीति” के तौर पर पेश कर रहा है।—
⚠️ नतीजा: एक बयान से हिल गई
सियासतरेवंत रेड्डी का बयान अब सिर्फ तेलंगाना तक सीमित नहीं रहा — यह राष्ट्रीय बहस का विषय बन गया है।एक तरफ कांग्रेस इसे “ग़लत समझा गया बयान” बताकर बचाव कर रही है,वहीं भाजपा और बीआरएस इसे भारत की एकता पर हमला बता रहे हैं।राजनीतिक गलियारों में अब यही सवाल गूंज रहा है —«क्या यह बयान कांग्रेस के लिए नया संकट बनेगा या मुस्लिम वोटों की मजबूती का हथियार?»सियासत के इस तूफान में इतना तो तय है —रेवंत रेड्डी का बयान आने वाले दिनों में तेलंगाना की राजनीति का रुख तय करेगा।



