
हैदराबाद: भाजपा से इस्तीफा देने वाले विधायक टी. राजा सिंह इन दिनों राजनीतिक असमंजस की स्थिति में नजर आ रहे हैं। पार्टी छोड़ने के बाद उन्होंने कई मंचों से केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी और भाजपा नेतृत्व पर तीखे हमले किए, लेकिन अब ऐसा लगता है कि उन्हें खुद यह समझ नहीं आ रहा कि आगे की राह क्या हो।

सूत्रों के मुताबिक भाजपा संगठन इस बार राजा सिंह की वापसी को लेकर काफी सख्त रुख में है, और पार्टी में उनके लिए रास्ता फिलहाल बंद दिखाई दे रहा है।वहीं, गोशामहल विधानसभा क्षेत्र में भी राजा सिंह को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है
कि विधायक लंबे समय से अपने क्षेत्र से नदारद हैं। न तो कोई नियमित जनसंपर्क कार्यक्रम होते हैं, और न ही शिकायत निवारण की कोई प्रभावी व्यवस्था है। कई नागरिकों का कहना है कि “विधायक से संपर्क करना मुश्किल है, और विकास कार्यों पर ध्यान देने के बजाय वह सभाओं और बयानों में ज्यादा सक्रिय रहते हैं।”इस बीच भाजपा कार्यकर्ता भी द्वंद्व की स्थिति में हैं
— कुछ उनके समर्थन में हैं तो कुछ पार्टी लाइन पर चलते हुए दूरी बना रहे हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें स्पष्ट निर्देश नहीं मिले हैं कि राजा सिंह के पक्ष में खड़ा रहना है या नहीं।इधर एआईएमआईएम ने भी गोशामहल क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है, जिससे राजनीतिक समीकरण और जटिल हो गए हैं।
भाजपा के पार्षद और स्थानीय प्रतिनिधि भी एक-दूसरे पर काम न करने या जिम्मेदारी टालने के आरोप लगा रहे हैं।राजा सिंह के लिए आने वाले चुनावी महीने किसी कठिन परीक्षा से कम नहीं होंगे — पार्टी में वापसी की संभावना धुंधली है, और जनता के बीच भरोसे को दोबारा हासिल करना आसान नहीं दिख रहा।



