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महाकुंभ 2025 का समापन कल, आस्था का महासंगम पहुंचेगा अंतिम पड़ाव

आस्था पर उंगली उठाने वालों पर योगी का प्रहार, दिया कड़ा संदेश

25 फरवरी, 2025

2025 का महाकुंभ मेला अब अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है, और प्रयागराज (इलाहाबाद) शहर भव्य दिव्य रोशनी से सुसज्जित हो गया है। इस महान आध्यात्मिक आयोजन में अब तक 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया और भगवान की आराधना में सम्मिलित हुए।

महाकुंभ मेला, जो हर 12 वर्ष में एक बार आयोजित होता है, इस बार अपनी भव्यता और आस्था के अद्भुत संगम के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हुआ है। लाखों लोग गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम स्थल पर पहुंचकर आत्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए आए हैं।

भव्य जलकुंभ और विशाल शिविरों के बीच यह आयोजन पूरी दुनिया के हिंदू धर्मावलंबियों के लिए एक धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व बन चुका है। यहाँ पर चल रही संतों की शाही स्नान प्रक्रियाएँ, भव्य साधु संप्रदाय की भागीदारी, और लाखों श्रद्धालुओं की आस्था ने इस महाकुंभ को और भी दिव्य बना दिया है।

इस आयोजन में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है और साथ ही साथ महाकुंभ की सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और यातायात व्यवस्थाओं को लेकर भी प्रशासन की कड़ी निगरानी रही है।

समापन की ओर बढ़ते इस महाकुंभ में आस्था, भक्ति और संस्कृति का अद्भुत मिलाजुला रूप देखने को मिल रहा है, जो हर किसी को एक नई ऊर्जा और शांति का अहसास करा रहा है।

महाकुंभ ने दिए पंचतीर्थ
सीएम योगी ने कहा कि  45 दिनों के महाकुंभ मेले ने प्रदेश में पंचतीर्थ बना दिए हैं. प्रयागराज के साथ काशी,अयोध्या,गोरखपुर, मथुरा-वृंदावन ये पांच महातीर्थ बनकर उभरे हैं.  प्रयागराज ही नहीं, इन जगहों पर भी करोड़ों श्रद्धालु पहुंचे हैं.अयोध्या और काशी में 52 दिनों में तीर्थयात्रियों का सैलाब आया है. मुस्लिमों के सबसे बड़े और पवित्र तीर्थस्थल  मक्का मदीना और महाकुंभ में अंतर ही उन्होंने बताया. सीएम योगी ने कहा कि मक्का में 24 दिन में 1 करोड़ 40 लाख यानी करीब डेढ़ करोड़ लोग पहुंचे हैं. ईसाइयों के सबसे बड़े धार्मिक स्थल वेटिकन सिटी में 80 लाख पहुंचे हैं. लेकिन सिर्फ अयोध्या में इसके 12 गुना यानी 16 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे हैं.महाकुंभ में तो 45 दिनों में 64 करोड़ ने संगम स्नान किया है. यह उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन के नए रिकॉर्ड को दिखाता है. मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा, हमारी सरकार में कठमुल्लापन की प्रवृत्ति नही चलेगी. हम बच्चों को मुल्ला-मौलवी नहीं बल्कि वैज्ञानिक और आधुनिक शिक्षा देने के पक्षधर हैं.

गिद्धों और सुअरों वाला बयान दोहराया
सीएम योगी ने कहा, 2025 सारे आंकड़ों को ध्वस्त करने जा रहा है. गिद्धों को लाशें और सुअरों को गंदगी वाला बयान दोहराते हुए सीएम ने कहा, महाकुंभ में जिसने जो तलाशा उसको वह मिला.सनातन की सुंदरता और महत्ता वामपंथियों और समाजवादियों को नजर नहीं आई, लेकिन पर्यटकों को पहुंचने में परेशानी नजर आ गई.

समाजवादी पार्टी का दुष्प्रचार
सपा को कठघरे में खड़ा करते हुए सीएम ने कहा, समाजवादी पार्टी का सोशल मीडिया हैंडल लगातार दुष्प्रचार करता रहा कि बस्ती गोरखपुर मंडल के 35 लोग मारे गए,जबकि बाद में पता चला वो लोग अपने घर पहुंच गए.इसी तरह प्रयागराज के खूंटी गुरु की भी कहानी हुई.संसद में एक नेता कह रहे थे कि महाकुंभ में हजारों लोग मारे गए,जबकि डिजिटल कुंभ की वजह से 28 हजार लापता लोग वापस मिल गए. प्रयागराज के अक्षयवट कॉरिडोर को इनके नेता अकबर का किला कहते हैं. अक्षयवट वेदों में वर्णित है,अकबर का कार्यकाल कब था, ये इनसे पूछना चाहिए.
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में 200 से अधिक सड़कों का निर्माण हुआ. सिंगल लेन से दो लेन और 4 लेन और 14 फ्लाईओवर बने. भगदड़ में जिन 30 परिवारों ने अपने परिजनों को खोया उनके प्रति संवेदना भी है.इस पर राजनीति नही होनी चाहिए.

महाकुंभ का समाजवादी पार्टी प्रारंभ से उपहास उड़ाती थी. कहती थी क्या 40 करोड़ लोग आ जाएंगे? क्या व्यवस्था हो जाएगी? ये लोग पहले उपहास उड़ाते हैं और फिर स्वीकार भी करते हैं. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेस यादव भी खुद गए और स्नान कर आए. इसी तरह नेता विरोधी दल अब कहने लगे हैं कि पहले सनातनी हैं फिर समाजवादी.

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