तेलंगाना बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी की दौड़ तेज, कई बड़े नाम मैदान में
तेलंगाना भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है। इस पद को लेकर पार्टी के कई प्रमुख नेता दावेदारी कर रहे हैं। इनमें केंद्रीय मंत्री बंदी संजय कुमार, सांसद एटेला राजेंदर, सांसद धर्मपुरी अरविंद, विधायक टी. राजा सिंह, पूर्व एमएलसी रामचंद्र राव और वरिष्ठ नेता डी.के. अरुणा जैसे नाम शामिल हैं।
बंदी संजय कुमार:
केंद्रीय मंत्री बंदी संजय कुमार, जो पहले प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर पार्टी का नेतृत्व कर चुके हैं, फिर से इस पद के लिए मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। उनका संगठनात्मक अनुभव और आक्रामक नेतृत्व शैली पार्टी को मजबूती देने में मददगार हो सकती है।
एटेला राजेंदर:
टीआरएस से बीजेपी में आए एटेला राजेंदर को भी इस पद के लिए एक संभावित विकल्प माना जा रहा है। उन्होंने हाल के वर्षों में अपनी लोकप्रियता और जमीन से जुड़े मुद्दों पर पकड़ के चलते पार्टी में अपनी जगह मजबूत की है।
धर्मपुरी अरविंद:
सांसद धर्मपुरी अरविंद, जो अपनी तीखी बयानबाजी और स्पष्ट राजनीतिक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं, प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में प्रमुख चेहरा हैं। उनकी युवा अपील और रणनीतिक सोच उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त दावेदार बनाती है।
टी. राजा सिंह:
विधायक टी. राजा सिंह का नाम भी चर्चा में है। हालांकि, उनके विवादित बयानों और सांप्रदायिक मुद्दों पर कड़ा रुख पार्टी के लिए चुनौतियां पेश कर सकता है। पार्टी नेतृत्व को यह तय करना होगा कि उनके विवादास्पद अतीत को नजरअंदाज किया जा सकता है या नहीं।
राजा सिंह की दावेदारी कमजोर
राजा सिंह का विवादास्पद अतीत और पार्टी नेतृत्व से उनके संबंधों में तनाव उनकी दावेदारी को कमजोर करता है। पार्टी आलाकमान उनके कामकाज से खासा नाराज बताया जा रहा है। यही वजह है कि हाल ही में तेलंगाना में 8 विधायक सीटों पर जीत दर्ज करने के बावजूद राजा सिंह को पार्टी में किसी महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त नहीं किया गया। न ही उन्हें विधानसभा में फ्लोर लीडर बनाया गया और न ही डिप्टी फ्लोर लीडर। संगठन में भी उनकी भूमिका नगण्य बनी हुई है।
रामचंद्र राव और डी.के. अरुणा:
पूर्व एमएलसी रामचंद्र राव और वरिष्ठ नेता डी.के. अरुणा भी इस पद के लिए अपनी दावेदारी जता रहे हैं। रामचंद्र राव का संगठनात्मक अनुभव और डी.के. अरुणा की महिला नेतृत्व को प्रोत्साहित करने वाली छवि उन्हें मजबूत दावेदार बनाती है।
केंद्रीय नेतृत्व का फैसला अहम
बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के सामने अब चुनौती है कि किसे प्रदेश अध्यक्ष के रूप में चुना जाए। आगामी 2024 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यह फैसला पार्टी की चुनावी रणनीति और तेलंगाना में उसके भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगा।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि नया प्रदेश अध्यक्ष ऐसा होना चाहिए जो संगठन को एकजुट रखते हुए विपक्षी दलों, खासकर बीआरएस और कांग्रेस, को प्रभावी चुनौती दे सके।