उत्तराखंड के रुड़की में युवक की संदिग्ध मौत से हंगामा, असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर साधा निशाना
उत्तराखंड के रुड़की में एक युवक का शव तालाब में मिलने के बाद से भारी हंगामा मच गया है। मृतक वसीम के परिजनों का आरोप है कि गौ संरक्षण स्क्वायड की टीम ने उसे पकड़कर बेरहमी से पिटाई की और फिर हाथ-पैर बांधकर तालाब में फेंक दिया। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने वसीम को तालाब से बाहर निकलने पर गोली मारने की धमकी भी दी थी। इस घटना के विरोध में ग्रामीणों और परिजनों ने प्रदर्शन किया, जिसके बाद मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। विरोध के दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। पुलिस ने इस मामले में 7 नामजद और 150 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
इस बीच, हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना को लेकर उत्तराखंड सरकार और पुलिस पर कड़ा प्रहार किया है। ओवैसी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने गो-तस्करी के नाम पर वसीम को मारकर तालाब में फेंक दिया और इसे आत्महत्या का मामला बताकर झूठी कहानी गढ़ी जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर वसीम ने आत्महत्या की, तो उसके चेहरे और शरीर पर चोट के निशान कैसे आए। ओवैसी ने इस घटना को मानवाधिकारों का उल्लंघन बताते हुए पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
ओवैसी ने इस मामले में मीडिया की चुप्पी पर भी सवाल उठाते हुए इसे सांप्रदायिक भेदभाव का उदाहरण बताया और कहा कि इस तरह की घटनाएं समाज में भय का माहौल पैदा करती हैं। उन्होंने उत्तराखंड सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की है, ताकि दोषियों को सजा मिल सके।